एक छोटा सा इमेज, जिसमें एक इंजीनियर, उसकी पत्नी और उनका कुत्ता गिबली एनिमे के शैली में दिख रहे थे, ने इंटरनेट को हिला दिया। ग्रांट स्लैटन, एक 32-वर्षीय सीएलटी-आधारित सॉफ्टवेयर इंजीनियर, ने 18 नवंबर, 2025 को X पर एक AI-जनित चित्र डाला — एक साधारण प्रॉम्प्ट: “अपनी पत्नी को गिबली स्टाइल में बदलकर भेजो।” चार दिनों में इसके 46 मिलियन व्यूज हो गए। और इसके साथ ही आर्ट, टेक्नोलॉजी और इथिक्स के बीच चल रहे दशकों पुराने विवाद फिर से जाग उठे।

गिबलीफिकेशन का तूफान

स्लैटन का इमेज ने एक ऐसा ट्रेंड शुरू कर दिया जिसे लोगों ने ‘गिबलीफिकेशन’ कहना शुरू कर दिया — यानी किसी भी चीज को, चाहे वो आपका सेल्फी हो, आपका बाइक हो, या फिर एक कॉफी कप हो, उसे जापानी एनिमे स्टूडियो गिबली के अनोखे शैली में बदल देना। ओपनएआई के नवीनतम मॉडल, ChatGPT-4o, ने इसे असाधारण तरीके से संभव बना दिया। वाटरकलर लैंडस्केप, भावुक आँखें, हल्की हवा जैसी चलती हुई बालों की लहरें — ये सब अब केवल एक टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के जरिए बन रहे थे।

इस ट्रेंड को Instagram, Reddit और X पर #GhibliStyle और #AIGhibli जैसे हैशटैग्स ने बढ़ावा दिया। लोगों ने अपने बच्चों, पालतू जानवरों, यहाँ तक कि इतिहास के महान व्यक्तियों — न्यूटन, महात्मा गांधी — को भी गिबली स्टाइल में बदल दिया। एक यूजर ने अपने बुजुर्ग दादा की फोटो को गिबली में बदला, और उसकी बेटी ने कहा: “मैंने उन्हें जीवित देखा था, लेकिन ये इमेज मुझे उनकी आत्मा दिखाता है।”

ओपनएआई के सर्वर जल रहे थे

लेकिन इस लोकप्रियता का असर तुरंत दिखा। सैम आल्टमैन, ओपनएआई के सीईओ, ने 19 नवंबर को ट्वीट किया: “मैं हूँ। दशकों तक सुपरइंटेलिजेंस बनाने की कोशिश कर रहा हूँ — कैंसर ठीक करने के लिए — लेकिन 7.5 साल तक कोई नहीं देख रहा था। और फिर एक दिन... हजारों मैसेज: ‘देखो, मैंने तुम्हें ट्विंक गिबली स्टाइल में बना दिया!’”

असली समस्या थी — गिबली स्टाइल के लिए बहुत ज्यादा रिक्वेस्ट। ओपनएआई के GPU गर्म हो रहे थे। आल्टमैन ने वाल्ड.एआई को बताया कि “हमारा डेटासेंटर बर्बरी तक पहुँच गया है।” इसके बाद, ओपनएआई ने एक तत्काल समाधान निकाला: एक प्रीपेड क्रेडिट सिस्टम। अब आपको अधिक इमेज जनरेट करने के लिए क्रेडिट खरीदने पड़ते हैं। इस तरह से लोगों के बेकार के इस्तेमाल को रोका जा सका।

गिबली के संस्थापक ने कहा था — ‘ये जीवन के लिए अपमान है’

लेकिन जब लोग खुश थे, तो कुछ आर्टिस्ट और अनुयायी चिंतित थे। हयाओ मियाजाकी, स्टूडियो गिबली के संस्थापक, ने 2023 में AI आर्ट को “जीवन के लिए अपमान” कहा था। उनकी यह बात अब फिर से चर्चा का विषय बन गई।

लगभग 4,000 कलाकारों और शिक्षकों ने क्रिस्टीज के खिलाफ एक खुला पत्र लिखा — जिसमें उन्होंने एक AI आर्ट नीलामी रद्द करने की मांग की। उनका तर्क था: जब कोई आर्टिस्ट 10 साल लगाकर एक शैली विकसित करता है, तो क्या कोई AI उसे कॉपी करके उसका नाम बेच सकता है?

स्लैटन ने गीकवायर को बताया: “इस तरह की आलोचना कुछ नया नहीं है। DALL-E, Stable Diffusion और Midjourney ने भी ऐसा ही अनुभव किया था। लेकिन अब ये ट्रेंड इतना बड़ा है कि ये आवाजें भी बहुत तेज हो गई हैं।”

एक अनोखा जुड़ाव: एक कलाकार और एक ब्लॉगर

एक अनोखा जुड़ाव: एक कलाकार और एक ब्लॉगर

दिलचस्प बात ये है कि स्लैटन की पत्नी के लिए 2019 में एक अनजान कलाकार ने एक गिबली-स्टाइल शादी का आमंत्रण बनाया था। आज, वही कलाकार ने स्लैटन को कई फोटो भेजीं — उसने उन्हें गिबली में बदलने के लिए कहा, क्योंकि उसके पास ChatGPT-4o नहीं था। उसने कहा: “मैं खुश हूँ। ये तकनीक मेरे काम को बदल रही है।”

यही बात है जो इस विवाद को इतना जटिल बनाती है — क्या AI एक नया पेंसिल है? या एक चोर है? क्या ये आर्ट है, या बस एक टेक्नोलॉजी का शो?

आगे क्या होगा?

ओपनएआई ने अभी तक कोई नया टाइमलाइन नहीं बताया है, लेकिन उनकी योजना है कि वे AI इमेज जनरेशन को व्यावसायिक उपयोग के लिए बढ़ाएंगे — बशर्ते कि ये रेट लिमिटेड रहे। आर्टिस्ट्स की ओर से कॉपीराइट केस की उम्मीद है। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि अगले छह महीनों में एक नया नियम बनेगा — जिसमें AI आर्ट के लिए एक ‘लाइसेंस ट्रैकिंग’ सिस्टम लागू होगा।

क्या ये आर्ट है? या बस एक ट्रेंड? शायद दोनों। लेकिन एक बात तय है — जब एक आम इंजीनियर एक इमेज डालकर पूरे इंटरनेट को बदल दे, तो ये तकनीक अब सिर्फ डेवलपर्स की बात नहीं रह गई।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गिबली स्टाइल का AI इमेज बनाना कैसे होता है?

ChatGPT-4o के जरिए, यूजर सिर्फ एक साधारण टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालता है — जैसे ‘मेरा परिवार गिबली एनिमे स्टाइल में, जलती हुई सूरज की किरणों के साथ, बीच पर’। मॉडल तुरंत जापानी एनिमे के विशिष्ट शैली — जैसे नरम रंग, वाटरकलर लैंडस्केप और भावुक चेहरे — को रिक्रिएट कर देता है। ये अतीत के मॉडल्स जैसे DALL-E या Midjourney से बहुत अधिक सटीक हैं।

हयाओ मियाजाकी क्यों AI आर्ट के खिलाफ हैं?

मियाजाकी मानते हैं कि AI आर्ट वास्तविक कला की भावनात्मक गहराई को नहीं समझता। उनके अनुसार, गिबली की फिल्में जीवन के साथ संघर्ष, प्रकृति के प्रति सम्मान और मानवीय कमजोरियों को दर्शाती हैं — जो किसी AI के पास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा था: “ये आर्ट जीवन का अपमान है, क्योंकि ये इंसान के हाथ से नहीं, बल्कि एक एल्गोरिदम से बनता है।”

ओपनएआई ने इस वायरल ट्रेंड के बाद क्या बदलाव किए?

2025 के नवंबर में, गिबली स्टाइल के लिए अत्यधिक डिमांड के कारण ओपनएआई ने अपने सर्वर्स पर भारी दबाव पड़ गया। उन्होंने एक प्रीपेड क्रेडिट सिस्टम लागू किया, जिससे यूजर्स को अधिक इमेज जनरेट करने के लिए अतिरिक्त क्रेडिट खरीदने पड़ते हैं। इसका उद्देश्य बेकार के इस्तेमाल को रोकना और सिस्टम को बचाना था।

क्या AI आर्ट कॉपीराइट उल्लंघन है?

अभी तक कोई कानूनी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन लगभग 4,000 कलाकारों ने क्रिस्टीज के खिलाफ एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने AI आर्ट नीलामी को रोकने की मांग की है। उनका दावा है कि जब AI एक कलाकार की शैली को ट्रेन करता है — बिना उसकी अनुमति के — तो यह अपराध है। कुछ कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि ये भविष्य में बड़े मुकदमों की शुरुआत हो सकती है।

ग्रांट स्लैटन ने इस विवाद के बारे में क्या कहा?

स्लैटन ने कहा कि ये आलोचना नया नहीं है — ये तो DALL-E और Midjourney के शुरुआती दिनों में भी हुई थी। लेकिन अब इसका पैमाना इतना बड़ा है कि ये आवाजें ज्यादा तेज हो गई हैं। उनका मानना है कि AI आर्ट को बर्बरी नहीं, बल्कि एक नए तरीके से अभिव्यक्ति का एक नया उपकरण माना जाना चाहिए।

क्या ये ट्रेंड भारत में भी फैल रहा है?

हाँ। भारतीय यूजर्स ने अपने परिवारों, देवी-देवताओं और बॉलीवुड स्टार्स को गिबली स्टाइल में बदलना शुरू कर दिया है। दिल्ली और बैंगलोर के कुछ आर्ट स्टूडियो अब AI गिबली इमेज बनाने की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, भारत में इस पर कोई सरकारी नीति अभी नहीं बनी है।

हमारे बारे में प्रवीण मल्लिक

मेरा नाम प्रवीण मल्लिक है। मैं सामान्य हित और समाचार के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता हूँ। सोशल मीडिया और मीडिया के बारे में लिखना मेरा शौक है। मैं ऐसी कहानियां ढूंढने में महारत हासिल कर चुका हूँ जो सच में लोगों को जोड़ती हैं। मैं नई-नई चीजों के बारे में सीखता हूं और उसे लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं।

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